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________________ ताण उनको (त) 4/2 सवि (पुरिस) 4/2 पुरिसाणं पुरुषों को 10. अकए वि का वि पिए पियं (अकअ) भूकृ 7/1 अनि नहीं किया जाने पर अव्यय तथा (कअ) भूक 7/1 अनि किया जाने पर अव्यय (पिअ) 7/1 वि प्रिय (पिय) 2/1 वि प्रिय (कुण) वकृ 1/2 (जय) 7/1 जगत में (दीसंति) व कर्म 3/2 सक अनि देखे जाते हैं [(कय) भूकृ अनि-(विप्पिअ) 7/1 वि] अप्रिय किया जाने पर अव्यय करते हुए कुणंता जयम्मि दीसंति कयविप्पिए अव्यय किन्तु प्रिय पियं कुणंति करते हैं (पिय) 2/1 वि (कुण) व 3/2 सक (त) 1/2 सवि (दुल्लह) 1/2 वि (सुयण) 1/2 दुर्लभ सज्जन दुल्लहा सुयणा 11. फरुसं कठोर न भणसि भणिओ (फरुस) 2/1 अव्यय (भण) व 2/1 सक (भण) भूकृ 1/1 अव्यय (हस) व 2/1 अक (हस) संकृ नहीं बोलते हो बोला गया वि भी हससि हसिऊण हँसते हो हँसकर 1. णमो' के योग में चतुर्थी होती है। 176 प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002691
Book TitlePrakrit Gadya Padya Saurabh Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2009
Total Pages384
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size10 MB
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