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________________ भुजाबल को क्या हरेगा? यदि (वह) जिनवर का स्मरण करता है, तभी (वह) बच निकलेगा। घत्ता - उसकी पृथ्वी और मेरा पोदनपुर नगर आदिजिनेन्द्र के द्वारा दिए हए (हैं)। यदि (वह) स्वीकार किये हुए (विभाजन) को नहीं मानता है, (तो) (मेरी) तलवार को मिले (और) अग्नि की ज्वाला में पड़े। 16.20 (1) तब दूत के द्वारा (यह) कहा गया- हे कुमार! (आप) क्या अप्रिय (वचन) कहते हो। भरत के द्वारा भेजे हुए पंख से विभूषित बाण कठिनाईपूर्वक हटाये जानेवाले होते हैं। (2) क्या पत्थर से मेरु (पर्वत) टुकड़े-टुकड़े किया जाता है? क्या गधे के द्वारा हाथी गिराया जाता है? (3) जुगनू द्वारा क्या सूर्य तेजरहित किया जाता है? चूंट के द्वारा क्या समुद्र सुखाया जाता है? (4) गौ के पैर के द्वारा क्या आकाश मापा जाता है? अज्ञान के द्वारा क्या जिनेन्द्र समझा जाता है? (5) कौए के द्वारा क्या गरुड़ रोका जाता है? नूतन कमल के द्वारा क्या वज्र बेधा जाता है? (6) हाथी के द्वारा क्या सिंह मारा जाता है? बैल के द्वारा क्या शेर चीरा जाता है? (7) क्या धोबी के द्वारा चन्द्रमा सफेद किया जाता है? क्या मनुष्य के द्वारा काल निगला जाता है? (8) क्या मेंढक के द्वारा साँप काटा जाता है? क्या कर्म के द्वारा सिद्ध वश में किया जाता है? (9) क्या श्वास से लोक स्थापित किया जाता है? क्या तुम्हारे द्वारा भरत-नराधिप जीता जाता है? घत्ता - आश्चर्य! (कोई) प्रलाप किया हुआ होने के कारण समर्थ होता है (तो) होवे। राजा (भरत) तलवारों के साथ, त्रिशूलों के साथ, बौँ के साथ निकटवर्ती रण के आँगन में भ्रमण करेगा और तुम्हारे ऊपर चौकड़ी भरेगा। 16.21 (1) तब कामदेव (बाहुबलि) के द्वारा युक्तिसहित (यह) कहा गया- जो परद्रव्य को हरनेवाला (है), कलहकारी (है), (क्या) वे जगत में यहाँ या कहीं भी अपभ्रंश काव्य सौरभ 53 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002690
Book TitleApbhramsa Kavya Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2007
Total Pages428
LanguageApbhramsa, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size10 MB
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