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अव्यय
माणु
(माण) 1/1
मान
जासु
(ज) 4/1 स
अव्यय
जिसके लिए नहीं देश नहीं
ठाणु
(ठाण) 1/1
अव्यय
ध्यान
झाणु जिय
आत्मा
वह
(झाण) 1/1 (जिय) 1/1 (त) 1/1 सवि अव्यय (णिरंजण) 1/1 वि (जाण) विधि 2/1 सक
.....! . . . . . . ..
णिरंजणु
निष्कलंक
जाणु
जानो
10.
अस्थि
अव्यय
अव्यय
पुण्णु
पुण्य
पाउ
(पुण्ण) 1/1 अव्यय (पाअ) 1/1 (ज) 6/1 स अव्यय
पाप जिसमें
जसु अस्थि
अव्यय
नहीं
हर्ष
हरिसु विसाउ
(हरिस) 1/1 (विसाअ) 1/1
शोक
अत्थि
अव्यय
नहीं
अव्यय (एक्क) 1/1 वि अव्यय
एक
भी
कभी-कभी सप्तमी विभक्ति के स्थान पर षष्ठी विभक्ति का प्रयोग पाया जाता है। (हेम प्राकृत व्याकरण 3-134)
अपभ्रंश काव्य सौरभ
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