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गंदणु
पुत्र को
(णंदण) 2/1 (कह) व 3/1 सक
कहइ
कहता है (बतायेगा)
को वि
(क) 1/1 वि
कोई भी
अव्यय
साथ
दविण'
मेइणि
(दविणअ) 3/1 'अ' स्वार्थिक (मेइणी) 2/1 (लह) व 3/1 सक (त) 1/1 सवि
द्रव्य (सम्पत्ति) भूमि को पाता है (पायेगा)
वह
अव्यय
अव्यय
तब
केणवि
किसी (के द्वारा)
(क) 3/1 सवि (धिट्ठ) भूक 3/1 वि
धि?
ढीठ के द्वारा
क्रिवि
शीघ्रता से
तुरियएण णरणाहहो
(णरणाह) 6/1
राजा के
अग्ग
अव्यय
आगे
भणिउ
कहा गया देखा गया
उवलक्खिउ
तुम्हारा
पुत्र, सुत
हे देव
(भण-भणिअ) भूकृ 1/1 (उवलक्ख) भूकृ 1/1 (तुम्ह) 6/1 स (सुअ) 1/1 (देव) 8/1 (अम्ह) 3/1 स (त) 1/1 सवि (णवलअ) 3/1 'अ' स्वार्थिक (मंति) 3/1 (हण) भूकृ 1/1
मेरे द्वारा
णवलइँ
मंतिएँ
मंत्री के द्वारा
हणिउ
मार दिया गया
303
अपभ्रंश काव्य सौरभ
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