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जोयतु
(जोय-जोयंत) वकृ 1/1
देखता हुआ (खोजता हुआ) किस प्रकार
केम
अव्यय
अव्यय
फिर
पुणु लहमि
प्राप्त करता हूँ (पाऊँगा)
(लह) व 1/1 सक (अम्ह) 1/1 स
261
अपभ्रंश काव्य सौरभ
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