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3.
तुम्ह
विण्णि
वि
जण
चरमदेह
तुम्ह
विण्णि
वि
जयलच्छिगेह
4.
तुम्ह
विण्णि
वि
अखलियपयाव
तुम्ह
विण्णि
वि
गंभीरराव
5.
तुम्ह
विण्णि
वि
जगधरणथाम
तुम्ह..
विण्णि
वि
रामाहिराम
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(तुम्ह ) 1/2 स
(वि) 1/2 वि
अव्यय
(जण) 1/2
[[ ( चरम ) - (देह) 1 / 2] वि]
( तुम्ह ) 1/2 स
(वि) 1/2 वि
अव्यय
[(जय) - (लच्छि ) - (गेह) 1 / 2 ]
(तुम्ह) 1/2 स
(वि) 1/2 वि
अव्यय
[[ (अखलिय ) - (पयाव) 1 / 1 ] वि]
(तुम्ह) 1/2 स
(वि) 1/2 वि
अव्यय
[[ ( गंभीर ) - (राव) 1 / 1] वि]
(तुम्ह) 1/2 स
(वि) 1/2 वि
अव्यय
[[ (जग) - (धरण) - (थाम) 1 / 1 ] वि]
(तुम्ह) 1/2 स
(वि) 1/2 वि
अव्यय
[ (रामा) + (अहिराम)]
[ (रामा) - (अहिराम) 1 / 1]
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आप
दोनों
ही
मनुष्य
अन्तिम देहवाले
आप
दोनों
ही
विजयरूपी लक्ष्मी के घर
आप
दोनों
ही
अबाधित प्रतापवाले
आप
दोनों
गम्भीर वाणीवाले
आप
दोनों
ही
जगत को, धारण करने की,
शक्तिवाले
आप
दोनों
ही
स्त्रियों के लिए आकर्षक
अपभ्रंश काव्य सौरभ
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