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पणवहुं
(पणव) व 1/2 सक
प्रणाम करते हैं
जह
अव्यय
(जर) व 3/1 अक
जरइ
जीर्ण होता है
अव्यय
झिज्जइ
(झिज्ज) व 3/1 अक
क्षीण होता है
अव्यय
पणवहुं
(पणव) व 1/2 सक
प्रणाम करते हैं यदि
जइ
पीठ
पुट्टि
अव्यय (पुट्ठि) 2/1 अव्यय (भज्ज ) व 3/1 सक
नहीं
भज्ज
भंग करता है
तो
पणवहुं
प्रणाम करते हैं यदि
बल
बलु
अव्यय (पणव) व 1/2 सक अव्यय (बल) 1/1 [(ण)+(ओहट्टइ)] ण-अव्यय (ओहट्ट) व 3/1 अक अव्यय (पणव) व 1/2 सक
णोहट्टइ
नहीं, कम होता है
तो
पणवहुं जइ
प्रणाम करते हैं यदि
अव्यय
पवित्रता
(सुइ) 1/1 अव्यय (विहट्ट) व 3/1 अक
नहीं नष्ट होती है
विहट्टइ
अव्यय
पणवहुं
(पणव) व 1/2 सक
अव्यय
प्रणाम करते हैं यदि प्रेम
मयणु
(मयण) 1/1
अव्यय
नहीं
अपभ्रंश काव्य सौरभ
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