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4 A.A4
(त) 1/1 सवि अव्यय (त) 1/1 सवि अव्यय (पच्छाणअ) 1/1 वि
पच्छाणउ
ढकनेवाली (चादर)
2. -
घरु
रयणइँ
ताई
चित्तयम्
स-लक्खणु
लक्ष्मणसहित
त 1/1 सवि (घर) 1/1 (रयण) 1/2 (त) 1/2 सवि (त) 1/1 सवि (चित्तयम्म) 1/1 (स-लक्खण) 1/1 वि अव्यय अव्यय (दीसइ) व कर्म 3/1 सक अनि (माअ) 8/1 अनि (राम) 1/1 [(स सीया-ससीय)(स लक्खण) 1/1]
णवर
केवल
नहीं
दीसइ
माए
रामु
देखा जाता है (देखे जाते हैं) हे माँ राम सीतासहित, लक्ष्मणसहित
ससीय-सलक्खणु
24.3
अव्यय
जब
णीसरिउ
निकला
राउ
(णीसर-णीसरिअ) भूकृ 1/1 (राअ) 1/1 (आणन्द) 3/1 (वृत्त) भूकृ 1/1 अनि (णव+एप्पिणु) संकृ
राजा हर्ष से
आणन्दें
कहा गया
णवेप्पिणु
प्रणाम करके
अपभ्रंश काव्य सौरभ
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