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सन्धि-बन्ध
हड्डियों के जोड़ों के बन्धन
नहीं सुनते हैं
सुणन्ति कण्ण लोयण
[(सन्धि)-(बन्ध) 1/2] अव्यय (सुण) व 3/2 सक (कण्ण) 1/2 (लोयण) 1/2 (णिरन्ध) 1/2 वि
कान
आँखें
णिरन्ध
बिल्कुल अंधी
4.
सिरु
सिर
कम्पइ
हिलता है
पक्खलइ
मुख में लड़खड़ाती है वाणी
वाय
(सिर) 1/1 (कम्प) व 3/1 अक (मुह) 7/1 (पक्खल) व 3/1 अक (वाया) 1/1 (गय) भूकृ 1/2 अनि (दन्त) 1/2 (सरीर) 6/1 (ण?--स्त्री) णट्ठा) भूकृ 1/1 अनि (छाया) 1/1
गय
टूट गए
दन्त
दाँत
सरीरहो
णट्ठ
शरीर की नष्ट हो चुकी कान्ति
छाय
5.
परिगलिउ
रुहिरु थिउ
(परिगल) भूकृ 1/1 (रुहिर) 1/1 (थिअ) भूकृ 1/1 अनि अव्यय (चम्म) 1/1 (अम्ह) 6/1 स अव्यय
क्षीण हो चुका खून रह गयी केवल चमड़ी मेरा
णवर
यहाँ
अव्यय
हुआ
मानो
(हुअ) भूकृ 1/1 अव्यय (अवर) 1/1 वि (जम्म) 1/1
अवरु
दूसरा
जम्म
जन्म
127
अपभ्रंश काव्य सौरभ
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