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मइ (स्त्री.) • (मइ+टा)=(मई-अ, आ, इ, ए)=मई, मईपा, मईइ,
मईए (तृतीया एकवचन) (मइ+ ङसि)=(मई+अ, आ, इ, ए)=मईप्र, मईपा, मईइ,
__ मईए (पंचमी एकवचन) (मइ+ ङस्)=(मई+म, आ, इ, ए)=मई, मईपा, मईइ,
मईए (षष्ठी एकवचन) (मइ+ ङि)=(मई+अ, आ, इ, ए)=मई, मईपा, मईइ,
मईए (सप्तमी एकवचन) इसी प्रकार लच्छी (स्त्री.)- लच्छीअ, लच्छीमा, लच्छीइ, लच्छीए (तृतीया एकवचन)
लच्छीन, लच्छीमा, लच्छी इ, लच्छीए (पंचमी एकवचन) लच्छीअ, लच्छीमा, लच्छीइ, लच्छीए (षष्ठी एकवचन)
लच्छीम, लच्छीमा, लच्छीइ, लच्छीए (सप्तमी एकवचन) घेणु (स्त्री.) - घेणूत्र, घेणूमा, घेणूइ, धेणूए (तृतीया एकवचन)
घेणूम, घेणूया, घेणूइ, घेणूए (पंचमी एकवचन) घेणूअ, धेणूमा, घेणूइ, धेणूए
(षष्ठी एकवचन) घेणू, घेणूना, घेणूइ, घेणूए (सप्तमी एकवचन) बहू (स्त्री.)-बहूअ, बहूआ, बहूइ, बहूए
(तृतीया एकवचन) बहूम, बहूमा, बहूइ, बहूए
(पंचमी एकवचन) बहू, बहूपा, बहूइ, बहूए
(षष्ठी एकवचन) बहूप, बहूया, बहूइ, बहूए
(सप्तमी एकवचन) 29. नातमात् 3/30
नातप्रात् [ (न)+(प्रातः)+ (प्रात्)] न=नहीं प्रातः (प्रात्) 5/1 प्रात् (प्रात्) 1/1 (प्राकृत में) प्राकारान्त (स्त्रीलिंग शब्दों) से परे (टा, सि, ङस् और डि के स्थान पर) आत्→ा नहीं (होता है)।
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[ प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ
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