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कहा (स्त्री.) - ( कहा + जस् ) = (कहा + उ, प्रो) = कहाउ, कहाश्रो
F
( कहा + शस् ) = ( कहा + उ, श्रो )
कहाउ, कहाश्रो
मइ (स्त्री.) - (मइ + जस् ) = ( मइ + उ, श्रो) = मईउ, मईश्रो
(प्रथमा बहुवचन)
27. ईतः सेरचा वा
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(द्वितीया बहुवचन)
( म इ + शस् ) = ( मइ + उ, श्रो) = मईउ, मईप्रो
=
लच्छी (स्त्री.) - ( लच्छी + जस् ) = ( लच्छी +उ, श्रो) लच्छीउ, लच्छोश्रो (प्रथमा बहुवचन) ( लच्छी + शस् ) = ( लच्छी +उ, प्रो) – लच्छोउ, लच्छीनो (द्वितीया बहुवचन)
=
धेणु (स्त्री.) - ( घेणु + जस् ) = ( घेणु + उ, भो) घेणउ, घेणूझी
(प्रथमा बहुवचन) (धेणु + शस्) = (धेणु + उ, श्रो) = धोणूड, धेषूनो बहू (स्त्री.) - ( बहू + जस् ) = ( बहू + उ, प्रो) = बहूउ, बहूनो
(द्वितीया बहुवचन)
(प्रथमा बहुवचन)
(प्रथमा बहुवचन)
(द्वितीया बहुवचन)
( बहू +शस् ) = ( बहू + उ, प्रो) बहूउ, बहूश्रो
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ईत: सेश्चा वा [ ( से :) + (च) + (प्रा)] वा
ईस : ( ईत् ) 5 / 1 से: (सि) 6 / 1 च = और श्रा (ग्रा) 1 / 1 वा = विकल्प से (प्राकृत में ) (स्त्रीलिंग में) दीर्घ इकारान्त से परे सि के स्थान पर विकल्प से प्रा (होता है) और (जस् और शस् के स्थान पर भी प्रा विकल्प से होता है ) ।
(द्वितीया बहुवचन)
दीर्घ इकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों में सि (प्रथमा एकवचन के प्रत्यय) के स्थान पर तथा जस् (प्रथमा बहुवचन के प्रत्यय) और अम् (द्वितीया बहुवचन के प्रत्यय) के स्थान पर श्री विकल्प से होता है ।
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[ प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ
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