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प्रभ्यास
(संख्यावाचक शब्द) 1. एक मन्त्री प्राता हैं। 2. वे चार कर्मों को नष्ट करते हैं । 3. वह तीन लोक में प्रिय है । 4. दो कन्याएं जाती हैं। 5. पांच बालक हंसते हैं। 6. सात विमान उड़ते हैं । 7. पाठ मित्र प्रसन्न होते हैं । 8. दस बालक खेलते हैं। 9. वह छः फल लेकर घर गया । 10. बारह ऊँट बैठते हैं। 11. वहाँ चौदह नदियां हैं। 12. वह सोलह व्रत पालेगा। 13. अट्ठारह सिंह गरजेंगे । 14. बीस कौए उड़े। 15. दो बीस कौए उड़े। 16. बाईस राक्षस मरने के लिए कूदेंगे। 17. पच्चीस मित्र प्रसन्न होने के लिए खेले । 18 तीस कन्याएं रुकती हैं। 19. तीन तीस कन्याएं रुकती हैं । 20. चौंतीस बेटियाँ प्रसन्न होवें । 21. अड़तीस गुफायें नष्ट होंगी। 22. बयालीस कन्यायें देर करती हैं। 23 छियालीस स्त्रियां तप करें।
प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ ]
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