________________
राय/राम (राजा) (अकारान्त पुल्लिग से भिन्न रूप)
एकवचन
बहुवचन
प्रथमा
राया (3/49)
राइणो (3/50)
द्वितीया
राइणं (3/53)
राइणो (3/50)
तृतीया
राइणा (3/51, 3/52), रण्णा (3155), रायणा (3/51)
राईहि, राईहिं, राईहि (3/54, 3/7, 3/10)
चतुर्थी व षष्ठी
रणो (3/55), राइणो (3/50, 3/52), रायणो (3/50)
राइणं (3/53), राईण (3/54)
पंचमी
रण्णो (3/55), राइणो (3/50, 3/52)
रा इत्तो, राईप्रो, राईउ, राईहितो, राईसुतो (3/54, 3/9, 3/16, 3/127)
सप्तमी
राइम्मि (3/52)
राईसु (3/54, 3/16), राईसुं (1/27)
सम्बोधन
हे राइणो (4/448)
प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ ]
। 103
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org