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________________ प्रथमा द्वितीया तृतीया चतुर्थी व षष्ठी पंचमी सप्तमी सम्बोधन 102 ] राय / रा ( राजा ) (अकारान्त पुल्लिंग की तरह रूप ) Jain Education International एकवचन राम्रो' राय, राम्र (3/5) रायेण राण (3/6, 3 / 14 ), येणं, राणं (127) रायस्स, रायस्स (3/10) रायत्तो राया, रायाउ, रायाहि, रायाहितो, राया, रातो, राम्रानो, रानाउ, रामहि, राहितो, राम्रा (3/8, 3/12) रायादो, रायादु, रामादो, राम्रा (3/8) राधे, राए, रायम्मि, रामम्मि ( 311 ) रायम्ह, रामहि, रायसि, रासि 1. कार्तिकेयानुप्रेक्षा, पृष्ठ-123 हे राय, हे राया, हे रायो, हे राम, हे राम, हे राम्रो (3/38) बहुवचन राया, राम्रा (3/4, 3 / 12 ) राया, राम्रा (3/4, 3 / 12 ) राये, राए ( 3/4, 3 / 14 ) रायेहि, राधेहि, रायेहिँ, राएहि, राएहि, राएहिं (3/7, 3/16) रायाण, राण (3/6, 3/12), रायाणं, रात्राणं (1/27 ) रायत्तो, राया, रायाउ, रायाहि, रायाहितो, रायासंतो, रायेहि, रायेहितो, रायेसुंतो, रातो, राम्रानो, राम्राउ, शाहि, रामहितो, राम्रा सुंतो, एहि, राएहितो, राएसुंतो (3/9, 3/12, 3/13, 3/15) यादो, रायावु, TIME (3/9) रानादो, रायेसु, रासु (3/15), राएसुं (1/27) सुं हे राया, हे राम्रा (4/448) For Private & Personal Use Only [ प्रौढ प्राकृत रचना सौरम www.jainelibrary.org
SR No.002688
Book TitlePraudh Prakrit Rachna Saurabh Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1999
Total Pages248
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size6 MB
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