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________________ कमलु कमल कमला कमल विअसन्तु / विअसन्त विअसन्ता (2) वाक्यों में प्रयोग- विशेष्य : कमला विअसमाणु / विअसमाण / सोहिअ / आदि विअसमाणा विअसन्त / विअसन्ता / विअसन्तइं / विअसन्ताई विअसमाण/विअसमाणा / विअसमाणइं / विअसमाणाइं विअसन्त / विअसन्ता / विअसन्तई / विअसन्ताई विअसमाण / विअसमाणा / विअसमाणइं / विअसमाणाइं कमलई विअसन्त / विअसन्ता / विअसन्तइं/ विअसन्ताई विअसमाण / विअसमाणा / विअसमाणइं/विअसमाणाइं कमलाई विअसन्त / विअसन्ता / विअसन्तई / विअसन्ताई विअसमाण / विअसमाणा / विअसमाणइं/विअसमाणाइं (वर्तमानकाल) सोहइ / आदि = कमल खिलता हुआ शोभता है। (विधि एवं आज्ञा ) = कमल खिलता हुआ शोभे । 76 Jain Education International सोहउ सोहेइसइ / आदि = कमल खिलता हुआ शोभा । (भविष्यत्काल) सोहन्तु नपुंसकलिंग, बहुवचन प्रथमा विभक्ति (कर्ताकारक) (सभी कालो में) सोहहिं / सोहन्ति / आदि (भूतकाल - भूत कृदन्त) = कमल खिलता हुआ शोभेगा । सोहेसन्ति / आदि (वर्तमानकाल) = कमल खिलते हुए शोभते हैं। (भूतकाल - भूत कृदन्त) सोहिअ / सोहिआ /= कमल खिलते हुए शोभे । सोहिअइं/सोहि आई For Private & Personal Use Only (विधि एवं आज्ञा ) = कमल खिलते हुए शोभें । (भविष्यत्काल) = कमल खिलते हुए शोभेंगे । अपभ्रंश रचना सौरभ www.jainelibrary.org
SR No.002687
Book TitleApbhramsa Rachna Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2003
Total Pages246
LanguageApbhramsa, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size7 MB
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