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(2) कूवा .............. (सुक्क-भविष्यत्काल में)। (3) सप्पु ............... (लुक्क-विधि एवं आज्ञा में)। (4) पुत्त ................ (जग्ग-वर्तमानकाल में)। (5) घरो ............... (पड-भविष्यत्काल में)। (6) हुअवह .......... (जल-भविष्यत्काल में)। (7) आगम ............ (सोह-वर्तमानकाल में)। (8) भव ................ (खय-भविष्यत्काल में)। (9) बप्प ............... (उज्जम-विधि एवं आज्ञा में)। (10) रक्खस .......... (जुज्झ-भविष्यत्काल में)। निम्नलिखित वाक्यों की अपभ्रंश में रचना कीजिए - (क) - (1) कुत्ता डरकर रोता है। (2) पिता हँसकर जीता है। (3) राजा प्रसन्न होकर उठते हैं। (4) सर्प डरकर भागते हैं। (5) ससुर रूसकर भिड़ता है। (6) रत्न पड़कर टूटता है। (7) पिता जागकर डोलता है।
(ख) - (1) पिता हँसने के लिए जीवे। (2) पोता नाचने के लिए उठे। (3) अग्नि नष्ट होने के लिए जले। (4) दादा घूमने के लिए उठे। (5) पानी सूखने के लिए झरे। (6) मित्र दु:खी होकर लड़ता है। (7) सूर्य शोभने के लिए उगे।
(ग) - (1) पुत्र कलह करके शरमायेगा। (2) मित्र प्रसन्न होने के लिए जीवेगा। (3) ऊँट थकने के लिए नाचेगा। (4) घर गिरकर नष्ट होगा। (5) व्रत टूटकर गलेगा। (6) राक्षस मरने के लिए कूदेंगे। (7) पानी फैलकर सूखेगा।
अपभ्रंश रचना सौरभ
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