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नरिंद / नरिंदा = प्रथमा बहुवचन (अकारान्त पुल्लिंग) ।
अकारान्त पुल्लिंग शब्द 'नरिंद' के प्रथमा बहुवचन में '0', 0- आ प्रत्यय लगे हैं ।
उपर्युक्त सभी वाक्य कर्तृवाच्य में हैं। कर्तृवाच्य में कर्ता (व्यक्ति, वस्तु आदि) में प्रथमा होती है।
उपर्युक्त संज्ञाओं के साथ जो क्रिया-रूप काम में आया है वह 'अन्य पुरुष बहुवचन' का है।
कर्तृवाच्य में प्रयुक्त संज्ञाओं के साथ 'अन्य पुरुष सर्वनाम' की क्रिया काम में आती है। यहाँ संज्ञा बहुवचन में है, अत: क्रिया भी बहुवचन की ही लगी है। उपर्युक्त सभी क्रियाएँ अकर्मक हैं।
अपभ्रंश रचना सौरभ
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