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लुक्केसहिं/लुक्केसन्ति/लुक्केसन्ते/लुक्केसइरे _वे दोनों छिपेंगे। लुक्किहिहिं/लुक्किहिन्ति/तुक्किहिन्ते/लुक्किहिइरे वे सब छिपेंगे। लुक्केसहिं/लुक्केसन्ति/लुक्केसन्ते/लुक्केसइरे _ वे दोनों छिपेंगी। लुक्किहिहिं/लुक्किहिन्ति/लुक्किहिन्ते/लुक्किहिइरे वे सब छिपेंगी। जग्गेसहिं/जग्गेसन्ति/जग्गेसन्ते/जग्गेसइरे _वे दोनों जागेंगे। जग्गिहिहिं/जग्गिहिन्ति/जग्गिहिन्ते/जग्गिहिइरे वे सब जागेंगे। जग्गेसहिं/जग्गेसन्ति/जग्गेसन्ते/जग्गेसइरे वे दोनों जागेंगी। जग्गिहिहिं/जग्गिहिन्ति/जग्गिहिन्ते/जग्गिहिइरे वे सब जागेंगी। जीवेसहिं/जीवेसन्ति/जीवेसन्ते/जीवेसइरे वे दोनों जीवेंगे। जीविहिहिं/जीविहिन्ति/जीविहिन्ते/जीविहिइरे वे सब जीवेंगे। जीवेसहिं/जीवेसन्ति/जीवेसन्ते/जीवेसइरे वे दोनों जीवेंगी। जीविहिहिं/जीविहिन्ति/जीविहिन्ते/जीविहिइरे वे सब जीवेंगी।
ते = वे दोनों (पुरुष)/वे सब (पुरुष) । अन्य पुरुष बहुवचन ता = वे दोनों (स्त्रियाँ)/वे सब (स्त्रियाँ) J(पुरुषवाचक सर्वनाम) भविष्यत्काल के अन्य पुरुष बहुवचन में 'स' और 'हि' प्रत्यय क्रिया में जोड़ने के पश्चात् वर्तमानकाल के अन्य पुरुष बहुवचन के 'हिं', 'न्ति' ('न्ते' और 'इरे') प्रत्यय क्रिया में लगते हैं। 'स' प्रत्यय लगने पर क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ए' हो जाता है और 'हि' प्रत्यय जोड़ने पर क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'इ' हो जाता है। भविष्यत्काल बनाने के लिये वर्तमानकालिक प्रत्ययों का प्रयोग उपर्युक्त प्रकार से किया जाता है। उपर्युक्त सभी क्रियाएँ अकर्मक हैं। उपर्युक्त सभी वाक्य कर्तृवाच्य में हैं। यहाँ कर्ता ते/ता अन्य पुरुष बहुवचन में है, अत: क्रिया भी अन्य पुरुष बहुवचन की लगी है।
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अपभ्रंश रचना सौरभ
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