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________________ पाठ 24 जग्ग = जागना सर्वनाम ते = वे दोनों (पुरुष)/वे सब (पुरुष) अन्य पुरुष बहुवचन ता = वे दोनों (स्त्रियाँ)/वे सब (स्त्रियाँ) अकर्मक क्रियाएँ हस = हँसना, सय = सोना, णच्च = नाचना रूस = रूसना, लुक्क = छिपना, जीव = जीना __ भविष्यत्काल हसेसहिं/हसेसन्ति/हसेसन्ते/हसेसइरे वे दोनों हँसेंगे। हसिहिहिं/हसिहिन्ति/हसिहिन्ते/हसिहिइरे वे सब हँसेंगे। हसेसहि/हसेसन्ति/हसेसन्ते/हसेसइरे _वे दोनों हँसेंगी। हसिहिहिं/हसिहिन्ति/हसिहिन्ते/हसिहिइरे वे सब हँसेंगी। सयेसहिं/सयेसन्ति/सयेसन्ते/सयेसइरे वे दोनों सोयेंगे। सयिहिहिं/सयिहिन्ति/सयिहिन्ते/सयिहिइरे वे सब सोयेंगे। सयेसहिं/सयेसन्ति/सयेसन्ते/सयेसइरे वे दोनों सोयेंगी। सयिहिहिं/सयिहिन्ति/सयिहिन्ते/सयिहिइरे वे सब सोयेंगी। णच्चेसहिं/णच्चेसन्ति/णच्चेसन्ते/णच्चेसइरे वे दोनों नाचेंगे। णच्चिहिहिं/णच्चिहिन्ति/णच्चिहिन्ते/णच्चिहिइरे वे सब नाचेंगे। णच्चेसहिं/णच्चेसन्ति/णच्चेसन्ते/णच्चेसइरे वे दोनों नाचेंगी। णच्चिहिहिं/च्चिहिन्ति/णच्चिहिन्ते/णच्चिहिइरे वे सब नाचेंगी। रुसेसहिं/रूसेसन्ति/रूसेसन्ते/रूसेसइरे वे दोनों रूसेंगे। रूसिहिहिं/रूसिहिन्ति/रूसिहिन्ते/रूसिहिइरे वे सब रूसेंगे। रूसेसहि/रूसेसन्ति/रूसेसन्ते/रूसेसइरे ___ वे दोनों रूसेंगी। रूसिहिहिं/रूसिहिन्ति/रूसिहिन्ते/रूसिहिइरे वे सब रूसेंगी। %3D " र अपभ्रंश रचना सौरभ 37 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002687
Book TitleApbhramsa Rachna Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2003
Total Pages246
LanguageApbhramsa, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size7 MB
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