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पाठ 20 सर्वनाम
अन्य पुरुष एकवचन
सो = वह (पुरुष), सा = वह (स्त्री), अकर्मक क्रियाएँ
हस = हँसना, रूस = रूसना, जीव = जीना
णच्च = नाचना
सय = सोना, लुक्क = छिपना,
जग्ग = जागना
भविष्यत्काल
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हसेसइ/हसेसए/हसिहिइ/हसिहिए हसेसइ/हसेसए/हसिहिइ/हसिहिए सयेसइ/सयेसए/सयिहिइ/सयिहिए सयेसइ/सयेसए/सयिहिइ/सयिहिए णच्चेसइ/णच्चेसए/णच्चिहिइ/णच्चिहिए णच्चेसइ/णच्चेसए/णच्चिहिइ/णच्चिहिए रूसेसइ/रूसेसए/रूसिहिइ/रूसिहिए रूसेसइ/रूसेसए/रूसिहिइ/रूसिहिए लुक्केसइ/लुक्केसए/लुक्किहिइ/लुक्किहिए लुक्केसइ/लुक्केसए/लुक्किहिइ/लुक्किहिए जग्गेसइ/जग्गेसए/जग्गिहिइ/जग्गिहिए जग्गेसइ/जग्गेसए/जग्गिहिइ/जग्गिहिए जीवेसइ/जीवेसए/जीविहिइ/जीविहिए जीवेसइ/जीवेसए/जीविहिइ/जीविहिए
= वह हँसेगा।
हँसेगी। = वह सोवेगा। = वह सोवेगी। = वह नाचेगा। = वह नाचेगी। = वह रूसेगा। = वह रूसेगी। = वह छिपेगा। = वह छिपेगी। = वह जागेगा। = वह जागेगी। = वह जीवेगा। = वह जीवेगी।
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अपभ्रंश रचना सौरभ
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