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________________ 1. 2. 3. 26 अभ्यास निम्नलिखित अकर्मक क्रियाओं को कर्तृवाच्य में प्रयोग कीजिये । यह प्रयोग वर्तमानकाल तथा विधि एवं आज्ञा में हो । कर्ता के रूप में पुरुषवाचक सर्वनामों को रखें - Jain Education International लज्ज = शरमाना, रोना, रुव डर कलह थक्क - अच्छ पड उट्ठ तडफड = = डरना, = कलह करना, = थकना, . बैठना, II पाठ 17 अकर्मक क्रियाएँ = =3 गिरना, = उठना, = छटपटाना, = भिड भिड़ना उच्छल = उछलना उज्जम = प्रयास करना = खुश होना काँपना For Private & Personal Use Only उल्लस कंप मर खेल कुल्ल जुज्झ मुच्छ = - = मरना = खेलना कूदना = लड़ना घुम घूमना, निम्नलिखित वाक्यों की अपभ्रंश में रचना कीजिये - (1) हम छिपते हैं। (2) हम छिपें। (3) वह डरता है। (4) वह डरे । (5) तुम उठते हो। (6) वे सब उठें। (7) मैं खेलता हूँ। (8) तुम सब खेलो। (9) वह खुश होती है । (10) वे खुश हों। (11) वह बैठता है । (12) वह बैठे । (13) तुम बैठो । (14) वे रोते हैं। (15) हम उछलते हैं। (16) मैं भिड़ता हूँ । (17) तुम छटपटाते हो। (18) तुम कूदो। (19) हम प्रयास करें। (20) तुम घूमो। (21) हम काँपते हैं। (22) तुम काँपो। (23) वह लड़े। (24) वे लड़ें। (25) तुम नहाते हो। (26) तुम नहावो। (27) वे ठहरें। (28) तुम थको । ( 29 ) तुम सब मूच्छित होते हो । (30) हम ठहरते हैं। (31) वे सब खेलती हैं। (32) मैं खेलती हूँ। (33) तुम उठती हो । ( 34 ) वह काँपती है । (35) हम बैठती हैं । निम्नलिखित वर्तमानकालिक वाक्यों को शुद्ध कीजिये (क्रिया का शुद्ध रूप लगाइये) = = मूच्छित होना अपभ्रंश रचना सौरभ www.jainelibrary.org
SR No.002687
Book TitleApbhramsa Rachna Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2003
Total Pages246
LanguageApbhramsa, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size7 MB
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