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अपभ्रंश रचना सौरभ
201
पुल्लिंग
नपुंसकलिंग
स्त्रीलिंग
देव - अ 0, 0- आ
हं, हं- आहं
कमल - आ
0, 0 आ
हं, हं- आहं
कहा - आ
0,0-31
हे, हे - अहे
हरि - इ
0, 0 - ई
हं, हं-ईह
हुं, हुं-ईहुँ
चतुर्थी व षष्ठी बहुवचन
वारि - इ 0, 0 - ई
हं, हं-ईह
हुं हुं हुं
मइ - इ 0, 0
हे, हे -
गामणी - ई
0, 0 इ
हं, हं-हं
हु, हु-इहु
लच्छी - ई
0, 0 - इ
हे, हे इहे
- उ
साहु -
4+0'0
हं, हं-हं
हुं, हुं-ऊहुं
महु - उ
0, 0 ऊ
हं, हं-- ऊहं
हुँ, हु-ऊहु
-
धेणु उ
0, 0-ऊ
हे, हे ऊहे
सयंभू - ऊ
0,0-3
हं, हं-उह
हु, हु-उहुं
बह - ऊ
0,0-3
हे हे ~ उहे