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द्वितीया बहुवचन
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अपभ्रंश रचना सौरभ
पुल्लिंग
देव - अ
हरि - इ
गामणी - ई साहु - उ सयंभू - ऊ 00 0-ऊ
0-उ
0+
आ
नपुंसकलिंग
कमल-अ
महु - उ 0, 0-ऊ
0, 0-
आ
0
, 0-ई
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इं-आई
स्त्रीलिंग
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कहा -
आ मइ - इ लच्छी - ई धेणु - उ बहू - ऊ 0, 0- अ0, 0- ई0, 0- 50, 0-
30, 0-उ उ, उ-अउ उ, उ-ईउ उ, उ-इउ उ उ ऊउ उ, उ-उउ ओ, ओ-अओ ओ, ओ-ईओ ओ, ओ-इओ ओ, ओ-ऊओ ओ, ओ-उओ
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