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स्वार्थिक प्रत्यय - अ, अड, उल्ल
इनमें से कोई भी दो अथवा कभी-कभी तीनों एक साथ संज्ञाओं में जोड़ दिए जाते हैं। इस प्रकार कुल स्वार्थिक प्रत्यय सात हो जाते हैं - (1) अ (2) अड (3) उल्ल (4) अडअ (5) उल्लअ (6) उल्लअड ( 7 ) उल्लअडअ । स्वार्थिक प्रत्यय लगाने के पश्चात् विभक्तियाँ जोड़ी जाती हैं।
नोट -
पाठ 78
स्वार्थिक प्रत्यय
संज्ञाओं में स्वार्थिक प्रत्यय जोड़ने पर मूल अर्थ में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
156
जीव + अड
भाव + अडअ
अप्प + अ
बाहुबल + उल्ल+अड+अ =
स्त्री
वेल्ल+अड = वेल्लड- वेल्लडी = बेलडी (स्त्रीलिंग में 'ई' प्रत्यय जोड़ा जाता है)
स्त्री
कुडी + उल्ल = कुडुल्ल - कुडुल्ली = झोपड़ी (स्त्रीलिंग में 'ई' प्रत्यय जोड़ा जाता है)
जीवड
= भावडअ
= अप्पअ
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=
= जीव
= भाव
= आत्मा
बाहुबलुल्लडअ = भुजा का बल
उपर्युक्त स्वार्थिक प्रत्ययों के अतिरिक्त 'इय', 'क्क', 'एं', 'उ' 'इल्ल' आदि प्रत्यय भी स्वार्थिक कहे जाते हैं। पुण-पुणु, विण विणु, पढम + इल्ल = पढमिल्ल, गुरु+क्क गुरुक्क, आदि ।
=P
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अपभ्रंश रचना सौरभ
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