________________
आवि,0
प्रत्यय
(ग) कृदन्तों के प्रेरणार्थक प्रत्यय क्रियाएँ
आवि हस = हँसना हस+आवि = हसावि कर = करना कर+आवि = करावि
हस+0 = हास कर+0 = कार
प्रेरणार्थक भूतकालिक कृदन्त
हसावि+अ/य कार+अ/य
= हसाविअ/हसाविय = कारिअ/कारिय
प्रेरणार्थक वर्तमान कृदन्त
हसावि+न्त/माण हास +न्त/माण करावि+न्त/माण कार + न्त/माण
= हसाविन्त/हसाविमाण = हासन्त/हासमाण = कराविन्त/कराविमाण = कारन्त/कारमाण
प्रेरणार्थक विधि कृदन्त
हसावि+अव्व हसावि+इएव्वउं हसावि+एव्वउं हसावि+एवा
= हसाविअव्व = हसाविएव्वउं = हसावेव्वळ = हसावेवा
हास +अव्व हास +इएव्वउं हास +एव्वउं हास +एवा
= हासेअव्व, हासिअव्व = हासिएव्वउं = हासेव्वउं = हासेवा
प्रेरणार्थक सम्बन्धक भूतकृदन्त
हसावि+इ हसावि+इउ
= हसाविइ = हसाविउ
154
अपभ्रंश रचना सौरभ
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org