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डरइ/आदि = वह राजा से डरता है।
पंचमी एकवचन नरिंदहे/नरिंदाहे/ नरिंदहु/नरिंदाहु मायाहे/मायहे
पुत्त/पुत्ता/पुत्तो/
डरइ/आदि = पुत्र माता से डरता है।
माया/माय
पुत्तीहे/पुत्तिहे गंथ/गंथु/गंथा पढइ/आदि = माता पुत्री से ग्रन्थ
पढ़ती है।
अभ्यास (1) बालक सर्प से डरता है। (2) खेत से अन्न उत्पन्न होता है। (3) वह गाय से डरता है। (4) जामुन के पेड़ से जामुन गिरता है। (5) खेत से कुत्ता दौड़ता है। (6) मनुष्य हिंसा से डरे। (7) मकान की छत से बालक गिरता है। (8) पर्वत से गंगा निकलती है। (9) वह मुझसे डरता है। (10) वह तुझसे पुस्तक पढ़ता है। (11) बीज से वृक्ष उत्पन्न होता है। (12) पुत्र पिता से छिपता है।
निम्नलिखित में पंचमी विभक्ति होती है - (1) जिस वस्तु से किसी को हटाया जाय उसमें, जैसे - पेड़ से जामुन गिरता है। (2) जिससे छिपना चाहता है उसमें, जैसे - पिता से छिपता है। (3) भय के कारण में पंचमी होती है, जैसे - सर्प से डरता है। (4) जिससे नियमपूर्वक विद्या पढ़ी जाए उसमें, जैसे - मैं तुझसे पुस्तक पढ़ता हूँ। (5) उत्पन्न होना अर्थ में पंचमी होती है, जैसे - बीज से वृक्ष उत्पन्न होता है।
अपभ्रंश रचना सौरभ Education International
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