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चतुर्थी एकवचन
हउं
सामि/सामी
जागरउं/आदि = मैं स्वामी के लिए
जागता हूँ।
तुहुं
साहु/साहू
भोयण/भोयणा
इच्छहि/आदि = तुम साधु के लिए
भोजन चाहते हो।
सो
गामणी/गामणि
गाम/गामु/गामा
गच्छइ/आदि = वह गाँव के मुखिया
के लिए गाँव जाता
र प्रकार दूसरे व
नोट - इसी प्रकार दूसरे वाक्य बना लेने चाहिए।
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अपभ्रंश रचना सौरभ
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