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अन्य प्रयुक्त संज्ञाएँ पुल्लिग मुणि = मुनि, हत्थि = हाथी, सत्तु = शत्रु ,
रिसि = ऋषि साहु = साधु पाणि = प्राणी
नपुंसकलिंग अच्छि = आँख,
वत्थु = पदार्थ
स्त्रीलिंग धिइ = धैर्य, संति = शान्ति
मणि = रत्न, पुत्ती = पुत्री
5.
सकर्मक क्रियाएँ कीण = खरीदना, झाअ = ध्यान करना, गण = गिनना, पेस = भेजना,
रक्ख = रक्षा करना, खम = क्षमा करना, पेच्छ = देखना, बंध = बांधना
लभ = प्राप्त करना, पिब = पीना, धार = धारण करना,
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अपभ्रंश रचना सौरभ
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