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कर्मवाच्य वर्तमानकाल एकवचन
कर्ता-तृतीया
मई
पई/तई
.
तें/तेण/तेणं
.
ताए/तए
कर्म-प्रथमा . क्रिया-परिवर्तित कर्म के अनुसार तुहुं देखिज्जहि/देखियहि/ = मेरे द्वारा तुम देखे जाते आदि
हो। सो/सा देखिज्जइ/देखियइ = तुम्हारे द्वारा वह देखा आदि
जाता है/देखी जाती है। देखिज्जउं/देखियउं/ = उसके (पुरुष) द्वारा आदि
मैं देखा जाता हूँ। देखिज्जउं/देखियउं/ = उसके (स्त्री) द्वारा आदि
मैं देखा जाता हूँ। हउं पालिज्जउं/पालियउं/ = माता के द्वारा मैं आदि
पाला जाता हूँ। तुहुं पालिज्जहि/पालियहि/ = माता के द्वारा तुम
पाले जाते हो। सो/सा पालिज्जइ/पालियइ/ = माता के द्वारा वह पाला आदि
____ जाता है/पाली जाती है।
मायाए/मायए
4.
मायाए/मायए
आदि
मायाए/मायए
पणमिज्जउं/पणमियउं/ = हरि के द्वारा मैं आदि
प्रणाम किया जाता हूँ। पणमिज्जहि/पणमियहि/= हरि के द्वारा तुम आदि
प्रणाम किये जाते हो।
हरीएं
हरिणं हरीणं हरिण हरीण
सो/सा पणमिज्जइ/ पणमियइ/ = हरि के द्वारा वह प्रणाम किया आदि
जाता है की जाती है।
अपभ्रंश रचना सौरभ
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