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कर्मवाच्य
वर्तमानकाल एकवचन कर्म-प्रथमा क्रिया-परिवर्तित कर्म के अनुसार
कर्ता-तृतीया
नरिंदें
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नरिंदेण
हउं
कोकिज्जउं/कोकियउं/ = राजा के द्वारा मैं बुलाया जाता हूँ। आदि
नरिंदेणं
।
नरिंदें नरिंदेण नरिंदेणं
तुहुँ
कोकिज्जहि/कोकियहि/ = राजा के द्वारा तुम बुलाये जाते हो। आदि
।
नरिंदें नरिंदेण
सो
कोकिज्जइ/कोकियइ/ = राजा के द्वारा वह बुलाया जाता है। आदि
नरिंदेणं ।
नरिंदें ।
सा
नरिंदेण प्र नरिंदेणं ।
कोकिज्जइ/कोकियइ/ = राजा के द्वारा वह बुलायी जाती है। आदि
।
नरिंदें नरिंदेण नरिंदेणं
रक्खिज्जइ/रक्खियइ/ = राजा के द्वारा वह (राज्य) रक्षा आदि
किया जाता है।
नरिंदें नरिंदेण नरिंदेणं
कहा/कह सुणिज्जइ/सुणियइ/ = राजा के द्वारा कथा सुनी जाती है।
आदि
अपभ्रंश रचना सौरभ
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