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(2) सर्वनाम द्वितीया बहुवचन
(4)
हउं
तुम्हे/तुम्हई
पणमउं/आदि = मैं तुम (सब) को
प्रणाम करता हूँ। अम्हे/अम्हई
पालहि/आदि = तुम हम (सब) को
पालते हो। त/ता
जाणइ = वह उन(पुरुषों) को
जानता है। ता/त/ताउ/तउ/ताओ/तओ जाणइ = वह उन (स्त्रियों)
को जानती है। त/ता/तइं/ताई
रक्खइ = वह उन (राज्यों )
की रक्षा करता है।
सो
(1) अकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्दों से द्वितीया बहुवचन बनाने के लिए '0',
0+आ प्रत्यय जोड़े जाते हैं। जैसे - परमेसर, परमेसरा । (2) अकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों से द्वितीया बहुवचन बनाने के लिए ___'0', 0-आ, 'इ', 'ई'-आइं प्रत्यय जोड़े जाते हैं। जैसे - रज्ज, रज्जा ,
रज्जई, रज्जाई। (3) आकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों से द्वितीया बहुवचन बनाने के लिए '0',
0-अ, 'उ', उ-अउ, 'ओ', ओ-अओ प्रत्यय जोड़े जाते हैं। जैसे -
माया, माय, मायाउ, मायउ, मायाओ, मायओ। (4) उत्तम पुरुष सर्वनाम का द्वितीया बहुवचन होगा - अम्हे/अम्हई।
मध्यम पुरुष सर्वनाम का द्वितीया बहुवचन होगा - तुम्हे/तुम्हई। अन्य पुरुष सर्वनाम का द्वितीया बहुवचन होगा - (पुल्लिंग) त/ता।
(नपुंसकलिंग) त/ता/तई/ताई।
(स्त्रीलिंग) ता/त/ताउ/तउ/ताओ/तओ। उपर्युक्त सभी क्रियाएँ सकर्मक हैं। उपर्युक्त सभी वाक्य कर्तृवाच्य में हैं।
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अपभ्रंश रचना सौरभ
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