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गुणस्थान भाव व्युच्छित्ति |
भाव
अभाव
लिंग तीन,असिद्धत्व, असंयम, अज्ञान, जीवत्व, भव्यत्व, अभव्यत्व)
सासादन {3}{कुमति, ॥ | {29} {कुमति, |७) {औपशमिक,
| कुश्रुत, कुश्रुत, कुअवधि सम्यक्त्व, क्षायोपशमिक कुअवधि ज्ञान}
ज्ञान, चक्षु अचक्षु सम्यक्त्व, मति, श्रुत, दर्शन, क्षायोपशमिक
अवधिज्ञान, अवधिदर्शन, पाँच लब्धि,
संयमासंयम, मिथ्यात्व, तिर्यशति, क्रोध, |
अभव्यत्व) मान, माया लोभ, ३ लिंग कृष्ण,नील, कापोत, पीत, पद्म शुक्ल लेश्या, असिद्धत्व, असंयम, अज्ञान, जीवत्व, भव्यत्व
मिश्र
10}
{30} (तीन मिश्र - 168) {औपशमिक ज्ञान, चक्षुदर्शन, सम्यक्त्व , क्षायोपशमिक अचक्षुदर्शन सम्यक्त्व, मति, श्रुत अवधिदर्शन, . अवधि ज्ञान, क्षायोपशमिक पाँच संयमासंयम,मिथ्यात्व, लब्धि, तिथंच गति, अभव्यत्व) क्रोध, मान, माया, लोभ, 3 लिंग, कृष्ण नील कापोत पीत पद्म, शुक्ल लेश्या, असिद्धत्व, असंयम, अज्ञान, जीवत्व भव्यत्व
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