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ग्रन्थानुक्रम
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१. प्रकाशकीय वनाव्य २. धन्यवाद ३. अनुवादकके दो शब्द ४. प्रस्तावना
प्रन्थनाम प्रन्थ-परिचय प्रन्थरचनाका उद्देश्य (स्पष्टीकरण-सहित) वीतरागमे प्रार्थना क्यों ? (ससाधान-सहित) प्रन्थकार-परिचय
टीकाकारादि-परिचय ५. मंगलाचरण ६. स्तुतिविद्या सटीक और सानुवाद १-१४२ ७. स्तुतिविद्याके पद्योंका वोऽनुक्रम
१४३ ८. परिशिष्ट
१४६ -१५६ चित्रालङ्कार-विषयक कुछ सामान्य नियम १४६ काव्य-चित्रोंके कुछ उदाहरण ( परिचायक सूचनाओंके साथ)
१४७-१५६ ६. अशुद्धि-संशोधन
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कुल पृष्ठसंख्या - २०२
राजहंस प्रेस. सदर बाजार, देहली AMAAN PRINTING PRESS, Nanpura, Surat.
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