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________________ पूर्वक गमन करनेवाला, दुष्ट, पुत्र-स्त्रीवाला, तेजस्वी, भृत्ययुक्त, परस्त्रियों का अनुरागी, कन्धे और गले पर तिल या मस्से के चिह्न से युक्त तथा लोगों के लिए प्रिय होता है । इसका चतुष्पद - पशु आदि के कारण से पचीस वर्ष की अवस्था में अकालमरण सम्भव होता है । यदि इस अकालमरण से बच गया तो मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष में बुधवार रोहिणी नक्षत्र में सो वर्ष की आयु में किसी पुण्य क्षेत्र में इसका मरण होता है । इसी प्रकार अन्य राशियों में जन्मग्रहण किये हुए इस ग्रन्थ में वर्णित है। इस फलादेश की सत्यतासत्यता के "जद्द रासी बलिओ रासी-सामी- गहो तद्देव, सव्व सच्चं । अह एए ण बलिया कूरग्गहणिरिक्खिया य होंति ता किंचि सच्चं किंचि मिच्छं" ति । अर्थात् राशि और राशीश के बलवान् होने पर पूर्वोक्त सभी फल सत्य होता है । यदि राशि और राशीश बलवान् न हों और क्रूर ग्रह की राशि हो या राशीश भी क्रूर हो अथवा पाप ग्रह से वह राशि और राशीश दृष्ट हो तो फलादेश कुछ सत्य और कुछ मिथ्या होता है । ८६ सामुद्रिक शास्त्र के सम्बन्ध में बताया है पुरुव-कय-कम्म- रइयं सुहं च दुक्खं च जायए देहे । तस्थ वि य लक्षणाहं तेणेमाईं जिसा मेह ॥ अंगाई उवंगाई अंगोवंगाईं विष्णि देहम्मि | ताणं सुहमसुहं वा लक्खणमिणमो णिसामेहि ॥ लक्खिज्जइ जेण सुहं दुक्खं च णराण दिट्ठि-मेत्ताणं । तं लक्खणं ति मणियं सब्वेसु वि होइ जीवेसु ॥ रतं सिद्धि-मउयं पाय-तलं जस्स होइ पुरिसस्स । णय सेयणं ण वंक सो राया होइ पुहईए ॥ ससि - सूर- वज- चकुले य संखं च होज - छत्तं वा । अह- वुड्ढ - सिणिद्धाओ रेहाओ होंति णरवणो ॥ भिण्णा संपुण्णा वा संखाई देति पच्छिमा भोगा । अह खर- वराह- जंबुय-कक्खंका दुक्खिया होति ॥ वट्टे पायंगुट्टे अनुकूल होइ मारिया तस्स । अंगुलि - पमाण- मेत्ते अंगुठे मारिया दुइया ॥ जइ मज्झिमाएँ सरिसो कुलबुडढी अह अणामिया सरिसो । सो होइ जमल-जणओ पिउणो मरणं कणिट्ठीए ॥ पिहुलंगुट्टे पहिओ विणयग्गेणं च पावए विरहं । भग्गेण णिच्च- दुहिओ जह मणियं कक्खणण्णूहिं ॥ Jain Education International व्यक्तियों का सम्बन्ध में For Private & Personal Use Only फलादेश भी बताया है - कुवलयमाला, पृ. १२०, प्रघट्टक २१६ भारतीय ज्योतिष www.jainelibrary.org
SR No.002676
Book TitleBharatiya Jyotish
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1981
Total Pages562
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Jyotish
File Size22 MB
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