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________________ इसका बहुत कुछ अंश मनोविज्ञान के अन्तर्गत ही आता है। ग्रीकों से जिस प्रश्न-शास्त्र को भारत ने ग्रहण किया है, वह उपर्युक्त प्रश्न-शास्त्र से विलक्षण है। ___ईसवी सन् की ७वीं और ८वीं सदी के मध्य में 'चन्द्रोन्मीलन' नामक प्रश्नग्रन्थ बहुत प्रसिद्ध था, जिसके आधार पर 'केरल प्रश्न' का आविष्कार भारत में हुआ है । अतएव यह मानना पड़ेगा कि प्रश्न अंग का जन्म भारत में हुआ और उसकी पुष्टि ईसवी सन् ७००-९०० तक के समय में विशेष रूप से हुई। उद्योतन सूरि की कृति कुवलयमाला में ज्योतिष और सामुद्रिकविषयक पर्याप्त निर्देश पाया जाता है । इस ग्रन्थ का रचनाकाल शक संवत् ७०० में एक दिन न्यून है अर्थात् शक संवत् ६९९ चैत्र कृष्णा चतुर्दशी को समाप्त किया गया है। उद्योतन ने द्वादश राशियों में उत्पन्न नर-नारियों के भविष्य का निरूपण करते हुए लिखा है णिच्चं जो रोगभागी गरवइ-सयणे पूडओ चक्खुलोलो, धम्मत्थे उज्जमंतो सहियण-वकिओ ऊरुजंघो कयण्णू । सूरो जो चंडकम्मे पुणरवि मउओ वल्लहो कामिणीणं, जेठो सो भाउयाणं जल-णिच य-महा-मीरुओ मेस-जाओ ॥ -कुवलयमाला, पृ. १९ अर्थात-मेष राशि में उत्पन्न हुआ व्यक्ति रोगी, राजा और स्वजनों से पूजित, चंचल नेत्र, धर्म और अर्थ की प्राप्ति के लिए उद्योगशील, मित्रों से विमुख, स्थूल जाँघवाला, कृतज्ञ, शूरवीर, प्रचण्ड कर्म करनेवाला, अल्पधनी, स्त्रियों का प्रिय, भाइयों में बड़ा, एवं जलसमूह-नदी, समुद्र आदि से भीत रहनेवाला होता है । अट्ठारस-पणुवीसो चुक्को सो कह वि मरइ सय बरिसो। अंगार-चोदसीए वित्तिय तह अड्ढ-रत्तम्मि ॥-वही, पृ. १९ ___ मेष राशि में जन्मे व्यक्ति को १८ और २५ वर्ष की अवस्था में अल्पमृत्यु का योग आता है। यदि ये दोनों अकालमरण निकल जाते हैं तो सौ वर्ष की आयु में मरणकाल आता है और कार्तिक मास की शुक्ला चतुर्दशी की मध्यरात्रि में मरण होता है। वृष राशि में जन्म लिये हुए व्यक्तियों का फलादेश बतलाते हुए लिखा है - मोगी अस्थस्स दाया पिहुल-गल-महा-गंडवासो सुमित्तो दक्खो सच्चो सुई जो सल लिय-गमणो दुट्ठ-पुत्तो कलत्तो। तेयंसी मिच्च-जुत्तो पर-मुवइ-महाराग-रत्तो गुरूणं गंडे खंधे व चिण्हं कुजण-जण-पिभो कंठ-रोगी विसम्मि ॥ चुक्को चउप्पयाओ पणुवीसो मरइ सो सयं पत्तो। मग्गसिर-पहर-सेसे-बुह-रोहिणि पुण्ण-खेतमि ॥-वही, पृ. १९ वृष राशि में उत्पन्न हुआ व्यक्ति भोगी, धन देनेवाला, स्थूल गलेवाला, बड़े-बड़े गालवाला-कपोलवाला, अच्छे मित्रवाला, दक्ष, सत्यवादी, शुचि, लीला प्रथमाध्याय ८५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002676
Book TitleBharatiya Jyotish
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1981
Total Pages562
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Jyotish
File Size22 MB
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