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वास्तुसारे
इक्यासी पद के वास्तु का स्वरूप
"एकाशीतिपदे ब्रह्मा नवार्यमाद्यास्तु षट्पदाः ॥ द्विपदा मध्यकोणेऽष्टौ बाझे द्वात्रिंशदेकशः।"
चरकी
११इस्चामीपदका वास्तुचक
कवीधर | ब्रह्मा विवस्वान य]
इक्यासी पद के वास्तु में नव पद का ब्रह्मा,अर्यमादि चार देव छ. छ: पद के मध्य कोने के आप आपवत्स आदि पाठ देव दो दो पद के और ऊपर के बचीस देव एक २ पद के हैं।
ग
ना
पूतना
पापा
सौपद के पास्तु का स्वरूप
"शते ब्रह्माष्टिसंख्यांशो बाह्यकोणेषु सार्द्धगाः ।। अर्यमाद्यास्तु नस्वंशाः शेषास्तु पूर्ववास्तुवन् ।"
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