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प्रतिष्ठादिक के मुहूर्त
( १६५) ____सोमवार को धनिष्ठा, पूर्वाषाढा, उत्तराषाढा, अभिजित् , आर्द्रा, अश्विनी, विशाखा और चित्रा इन नक्षत्रों में से कोई नक्षत्र तथा सातम, ग्यारस, बारस और तेरस इन तिथियों में से कोई तिथि हो तो अशुभ योग होता है ॥ ४३ ।। मंगलवार को शुभ योग
भौमेऽश्विपौष्णाहिर्बुध्न्य-मूलराधार्यमाग्निभम् ।
मृगः पुष्यस्तथाश्लेषा जया षष्ठो च सिद्धये ॥ ४४ ॥
मंगलवार को अश्विनी, रेवती, उत्तराभाद्रपदा, मूल, विशाखा, उत्तराफाल्गुनी, कृत्तिका, मृगशीर, पुष्य और आश्लेषा इन नक्षत्रों में से कोई नक्षत्र तथा त्रीज, आठम, तेरस और छह इन तिथियों में से कोई तिथि हो तो शुभ योग होता है ॥४४॥ मंगलवार को अशुभ योग
न भोमे चोत्तराषाढा-मघावासवत्रयम् । . प्रतिपद्दशमी रुद्-प्रमिता च मता तिथिः ॥ ४५ ॥
मंगलवार को उत्तराषाढा, मघा, प्रार्दी, धनिष्ठा, शतभिषा और पूर्वाभाद्रपदा इनमें से कोई नक्षत्र तथा पडवा, दसम और ग्यारस इनमें से कोई तिथि हो तो अशुभ योग होता है ॥ ४५ ॥ बुधवार को शुभ योग
बुधे मैत्रं श्रुति ज्येष्ठा-पुष्यहस्ताग्निभत्रयम् । पूर्वाषाढार्यमर्वे च तिथिर्भद्रा च भूतये ॥ ४६ ।।
बुधवार को अनुराधा. श्रवण, ज्येष्ठा, पुष्य, हस्त, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशीर, पूर्वाषाढा और उत्तराफाल्गुनी इनमें से कोई नक्षत्र तथा दूज, सातम और बारस इनमें से कोई तिथि हो तो शुभ योग होता है ॥ ४६ ।।
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