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आदर्श जीवन
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मुंबई ५-१२-२४ . स्वस्ति श्री शहर लाहोर मध्ये पंच महाव्रतधारी छत्रीस गुणेकरी विराजमान छः काय रक्षक शीलांगधारी शांत दांत गांभीयादिक गुणे विराजित, विद्याविशारद, शासन रक्षक परमोपकारी श्री श्री श्री १००८ आचार्य श्रीविजयवलभ सूरीश्वरजीनी पवित्र सेवामां मुंबइ बंदर थी ली. जवेरी सारा भाई भोगीलाल नी १००८ वार वंदना स्वीकारशोजी।
विशेष आप साहिब ने आचार्य पद थी विभूषित थयेला जाणी अमने घणो आनंद उत्पन्न थयो छेः आपना जेवा रागी अने ममत्व रहित साधु महात्मा ने कोई पण पदवीनी अभिलाषा होती नथी, छतांपण आपनी विद्या तथा गुणो जेनो विकस्वर घणाय लांबा वखत थी थयेल छे, तेमज आ महान पद माटेनी आपनी योग्यता घणा लांबा वखत थी थयेली छे तेनो आज व्यवहारी रूप देखी अमने अति आनंद थयो छे आप जैन शासनना एक धोरी महात्मा छो अने खास करी आपना महान गुरुदेव ने पगले चाली पंजाब जेवी भूमी मां धमनी विजय फरका फोरववा आप जे श्लाघ्य प्रयत्न करो छो, ते त्यांना सर्व जीवो ऊपर उपगार अने शासननी अभिद्धि नुं कारण छे, आपनुं दृष्टांत बीजा साधुओं ने अनुकरणीय छ ।
अमो आशा राखीये छीये के आप जे प्रमाणे शासन नां महान कार्यो करता आव्या छो तेवाज महान कार्यो दीर्घायुषी थई करता रहेशो एवी नम्र इच्छा छ ।
सेवक साराभाई नी वंदना स्वीकारशोजी.
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