SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 557
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ५०२ आदर्श जीवन। भूमि मां पधारी अमो ने दर्शन आपी कृतार्थ करशो ए शुभ आशा राखी आपने अभिनंदन आपीए छीए ।। .. वीर निर्वाण संवत् २४५१ मौन एकादशी. - ॐ शांतिः ली. अमे छीए दर्शनाभिलाषी सेवको श्री वेरावल जैन संघ । शा० खुशाल करमचंद, द. देवकरण खुशालनी वंदणा अवधारशो जी। शा० जेचंद खीमजी द० पोते वंदणा अवधारशो जी। शा० हंसराज वशन जी नी सही छे द० पोते वंदना १००८ वार अवधारशो जी। शा. वीरजी रामजी द० गीरधर वीरजी नी वंदणा अवधारशो जी। - वशा, सोमचंद. खीमजी, द० वशा, नेमचंद माणकचंद नी वंदणा अवधारशो जी । मुम्बई। २-१२-२४ परम पुज्य परम कृपालु परमोपकारी अनेक शुभ गुण गणालंकृत श्रीमद्विद्वर्य आचार्य महाराज श्री श्री श्री श्री श्री १००८ श्रीमान् विजयवल्लभ मूरि जी महाराज तथा उपाध्याय जी श्री सोहन विजय जी महाराज सपरिवार योग्य श्री लाहोर. मुंबई थी ली. दासानुदास मणिलाल नी वंदना १००८ वार अवधारवा कृपा करशोजी । गई काले सांजना श्री संघ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org |
SR No.002671
Book TitleAdarsha Jivan Vijay Vallabhsuriji
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranthbhandar Mumbai
Publication Year
Total Pages828
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy