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आदर्श जीवन ।
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कर सके । श्रीसंघ पंजाब को इस से बढ़कर और कोई खुशी नहीं हो सकती कि, उक्त मुनि महाराजों ने श्रीसंघ की उक्त प्रार्थना का आशा से बढ़कर स्वागत किया। तदर्थ श्रीसंघ आपका सदा के लिये कृतज्ञ रहेगा। अब तो संघ के पाओं में और भी बल आगया स्वामी जी महाराज तो यहाँ मौजूद ही थे, प्रवर्तक जी महाराज और श्रीहंसविजय जी आदि के तार पहुँच चुके थे इस लिए अब महाराज श्रीको इन्कार की गुंजाशय न रही । संघके मुखियों ने आपश्रीकी सेवा में, उपस्थित होकर, बड़े नम्र शब्दोंमें प्रार्थना की " श्रीसंघ पंजाबकी चिरन्तन आशालता को अब आप श्री अवश्य पल्लवित करें। स्वगवासी गुरु महाराज के बाद पंजाब के लिए आपश्री ने जो २ कष्ट सहन किये हैं उनमेंसे हम एक का भी बदला देने के लायक नहीं। आप हमारे विनय या अविनय पर कुछ भी ध्यान न देते हुए सिर्फ गुरु महाराज के " मेरे बाद तुम्हारी सार संभाल वल्लभ लेगा" इन वचनों का खयाल करके इस 'भार को अपने कंधों पर उठाने की कृपा करें।" समाज नेताओं के इन वचनों को सुनकर आप कुछ समय तो मौन रहे, फिर बोले:-" परन्तु मेरा बड़ों के साथ व्यवहार तो वैसा ही रहेगा जैसा कि प्रथम था और अभी है।" यह सुनकर संघ की खुशी का पार न रहा । बच्चे २ के दिल में उत्साह
और हर्ष बाल्लयों उछलने लगा। बाहर से आये हुए लोगों के ठहरने के स्थानों में सूचना करा दी, गई कि कल
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