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________________ ૪૨૮ आदर्श जीवन । श्रीसंघ आपसे विनती करने आया । गुजराँवालेके संघमें कुछ फूट दिखाई दे रही थी, इस लिए आपने फर्मायाः " पहले आपसी फूट मिटा लो, फिर सभी एक दिल होकर विनती करने आना।" लाहोरका संघ भी आपके पास विनती करने आया और उसने निवेदन किया कि,-" यदि गुजराँवालेका श्रीसंघ आपसी कलह मिटा ले तो आप चौमासा करने गुजराँवालेमें पधार जायँ अन्यथा लाहोरमें चौमासा करें ।" . ___आप अमृतसरसे विहार कर लाहोर पधारे। स्पर्शना बलवान है। आपका सं० १९८१ का अड़तीसवाँ चौमासा लाहोरमें ही हुआ। X चौमासेमें आपके उपदेशसे पंचरंगी तपस्या हुई। तपस्वियोको पारणालाला फग्गूशा खजानचीमलने कराया, उन्होंने साधर्मीवात्सल्य भी किया था। पर्युषण करनेके लिए अनेक गाँवोंके भव्य श्रावक लाहोरमें आये थे । पर्युषणका जल्सा लाहोरके श्रीसंघने बड़े उत्साहसे किया। __ लाहोरमें आत्मानंद जैनमहासभाका सालाना जल्सा भी हुआ था। जब आपका चौमासा बीकानेरमें था तब पंजाबके श्रीसंघके पास जीरावासीश्रीयुत बाबूराम जैन एम्. ए. की मारफत आपने संगठनका संदेशा पहुँचाया था, जिसको अमलमें लाते Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002671
Book TitleAdarsha Jivan Vijay Vallabhsuriji
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranthbhandar Mumbai
Publication Year
Total Pages828
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size12 MB
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