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आदर्श जीवन ।
और आप बलाद कोबा आदि स्थानोंमें होते हुए मार्गशीर्ष १० के दिन पानसरमें पधारे थे। वहाँ भी अहमदाबादके श्रावकोंने आकर दो दिनतक पूजा प्रभावनाएँ की थीं और आपके प्रति अपनी अप्रतिम भक्ति बताई थी।
पानसरसे विहार कर मार्गशीर्ष वदी १३ के दिन आप भोयणी पधारे । वहाँ भी अनेक स्थानोंके श्रावक आपके दर्शनार्थ आये थे।
भोयणीसे पंन्यासजी महाराज श्रीसिद्धिविजयजीके दर्शनार्थ आप महेसाणे पधारे । आपने पंन्यासजी महाराजके दर्शन कर और पंन्यासजी महाराजने आपको स्नेह पूर्ण हृदयसे योग्य सत्कार देकर प्रसन्नता प्रकट की । आपका विचार विसनगर, वडनगर होकर तारंगाजी जानेका था; परन्तु पालनपुरके आये हुए श्रावकोंके अत्यंत आग्रहसे आपने पालनपुर होकर तारंगाजी पधारना स्थिर किया। . महेसानेसे आपने विसनगरकी तरफ़ विहार किया। महेसानेसे तीन कोसके फासले पर एक गाँव है वहाँ रातको आप आराम कर रहे थे । पाटन श्रीसंघके अनेक मुखिया रातको ग्यारह बजे वहाँ आये और उन्होंने आग्रह किया. कि आप जबतक पाटन पधारनेकी स्वीकारता न देंगे तबतक हम यहाँसे नहीं उठेंगे । अन्तमें रातको बारह बजे आपको पाटनजानेकी स्वीकारता देनी पड़ी। पालनपुर जाना. उस समय बंद रहा।
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