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________________ १२० आदर्श जीवन । wwwwwwwwwwwwwwran................wwwwwwwwwwwwwwwwww यहाँसे श्रीशुभविजयश्री तपस्वी और श्रीविवेकविजयजी महाराजने आपकी आज्ञासे मारवाड़ गुजरातकी तरफ़ विहार किया। आप जीरासे विहार कर जगराँवाँ, लुधियाना आदि १-इनका गृहस्थ नाम डाह्या भाई था। ये मु० वलाद जिला अहमदाबादके रहनेवाले थे। इनकी माताका नाम श्रीमती अंबा बाई और पिताका नाम सेठ डूंगर भाई था । इनका जन्म फाल्गुन वदी २ सं० १९२४ के दिन हुआ था। शाहपुरमें इनके पिताकी दुकान थी। वहीं ये रहते थे । वहाँ खीमचंद पीतांबर नामका एक धर्मात्मा श्रावक था। उसीके सहवाससे इन्हें वैराग्य हुआ । इनके लग्न हो गये थे। ये दीक्षा लेने एक बार पूना चले गये थे; मगर इनके पिताने खबर पाकर वापिस बुला लिया। एक बार ये अहमदाबादमें धर्मात्मा सेठ सवचंदभाई लालचंदभाईके पास गये और अपनी इच्छा प्रकट की। उन्होंने इन्हें आत्मारामजी महाराजसे दीक्षा लेनेकी सम्मति दी और आत्मारामजी महाराजके शिष्य कान्तिविजयजी महाराज आदिके पास जानेके लिए कहा । तदनुसार मौका देखकर ये कान्तिविजयजी महाराजके पास आबू पहुँचे । कान्तिविजयजी महाराजने इन्हें पंजाबमें भेज दिया। ये पंजाबमें हमारे चरित्रनायकके पास जंडियाला पहुंचे। अपनी इच्छा प्रकट की। आपने इनके घरवालोंको एक रजिस्टर्ड पत्रद्वारा सूचना दी कि डाह्याभाई हमारे पास दीक्षा लेने आया है। इनके सुसरे छगनलाल, इनके बड़े भाई मूलचंद और एक तीसरा आदमी तीनों जंडियाला पहुंचे। इन्हें घर चलनेको बहुत समझाया । मगर ये एकके दो न हुए, तब उन लोगोंने कोर्ट में नालिश की। हाकिमने इन्हें बुलाया और तेहकीकात करनेके बाद अपनी इच्छानुसार वर्ताव करनेकी इजाजत दे दी । इनके ससुर आदि तीनों अपने घर लौट गये। फिर सं० १९४८ की मार्गशीर्ष कृष्णा पंचमीको सूरिजी महाराजने इन्हें पट्टीमें दीक्षा दी । नाम विवेकविजयजी रक्खा; हमारे चरित्रनायकके यही प्रथम शिष्य हुए। ये बड़े ही गुरुभक्त और धर्मपरायण हैं । अभी गुजरातमें विचरते हैं। पंन्यासजी श्रीललितविजयजी महाराजने एक बार हमसे कहा था कि“ ये बड़े ही शान्त प्रकृति और निर्लेप हैं । आत्मसाधनाके सिवा इन्हें किसी भी बातसे सरोकार नहीं है।" Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002671
Book TitleAdarsha Jivan Vijay Vallabhsuriji
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranthbhandar Mumbai
Publication Year
Total Pages828
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size12 MB
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