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वह काम कर दिखाया, जिसे देख कर स्वतः आपकी प्रशंसा मुख से निकल पड़ती है। ___इन अवसरों पर आपकी प्रत्युत्पन्न बुद्धि और विद्वत्ता, सभी का बड़ा अच्छा परिचय मिला। अनेक शास्त्रार्थ हुए, बहस मुबाहिसे हुए, झगड़े टंटे हुए; किन्तु यह आपका हो अतुल प्रभाव था कि जिसके कारण सब दबते रहे। ___ आपकी वक्तृत्व शक्ति अत्यन्त प्रभावशालिनी है। आप जहां कहीं पधारते हैं इस शक्ति के द्वारा वहां की जनता पर जादू का सा असर हुए बिना नहीं रहता।
क्या जैन क्या अजैन सभी आपके दर्शनार्थ व उपदेशामृत पान करने के लिए तैयार रहते हैं। अस्तु ।
पूज्य आत्मारामजी महाराज साहिब के स्वर्गवास के पश्चात् फिर से स्थानकवासी साधु कुछ जोश में आ गए और उन्होंने श्वेताम्बर मूर्ति पूजक समाज पर और उसके साधुओं पर आक्षेप करने शुरू किये। ___"साँच को आँच नहीं लगती" यह सिद्धान्त अटल है। किन्तु बाज़ार में ऐसा भी होता है कि अधिक शोर करने वाले की धूलि भी बिक जाती है और चुप रहने वाले का सोना भी नहीं बिक पाता। इस संबन्ध में आप पर और श्वेताम्बर जैन मूर्ति पूजक समाज पर कैसे
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