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तहिं परिस्संत सरवरह पालि गया सो विछड्डण मणो भणइ 'विस्सम पिए' सुत्तयं नम्मयं मुत्तु निठुरु मणे पुट्ट परिवारि सो कहइ रोअंतओ एअ-ठाणाउ चालेह लहु पवहणं इअ सुणिवि तेहि भीएहिं संचारिअं तत्थ विकणविपणिअं" सलाभो गओ रक्खसोवद्दवं नम्मयाए दुहं जग्गए नम्म्या जाव इत्थंतरे विलवए 'नाह हा कंत तं कहिं गओ वीससिअ ' घाय-महदाव-पज्जालणं पुव्व - जम्मे मए कि कयं दुक्कयं पंच उववास काऊण अह त्रितए
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चलइ जइ मेरु उग्गमइ पच्छिम वी धीरविअ चित्तमह कुणइ सा पारणं लिप्पमउ बिंबु ठावेवि गुह - अंतरे
रक्खसु द्दीवु मिल्हेवि जइ गम्मए इय विचितेवि चिंधं जलहि-तीरए बब्बरे कूलि पोएण वच्चंतओ नम्मयं पिच्छिउं पुच्छए वइअरं "
संबोहिवि जुतिहिं पवहणि आरोविउ
नमयासुंदरि-संधि
वीरदासु तहिं कूलि नरेसरि हरिण - वेसा तहिं निवसेई
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पेम-पउत्तिहिं
सीलि पमोइउ
1. पयं 2 पीए 3. सूअर 4. 8. धीरवीअ 9. वईअरं 10 पमोईउ
निद्द - हेउं परं 'पुच्छए नम्मया तरु-तले सुअइ" जा ता सणियमुट्ठए १२ झत्ति संपत्तु माया निही पवहणे
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भक्खिआ * रक्खसेणं पिआ हा हओ १४ जा कुणइ रक्खसो तुम्ह न हु भक्खण ' पवहणं जवण-दीवम्मि तं पत्तय १६ निअ-पुरं कहइ अम्मा-पिऊणं तओ पुण व परिणाविओ भुंजए सो सुहं १८ पिच्छए नेव तहिं पिअयमं " परिसरे अ-सरणं मं विमुतण अइ- निद्दओ २० सुगुरु- आसायणा देव धण-भक्खणं अकय- अवराह जं जाइ पिउ मिल्हिउं २२ सरिवि मुणि-वयणु इय अप्पयं बोहए टलइ नहु पुग्व-कय-कम्मु पुण कहमवी १ २४ छट्ठ-दिणि फलिहिं कय-देवगुरु- सुमरणं
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थुइ पूएइ मणु ठवइ झाणंतरे २६ भरह - वित्तम्मि जिण - दिक्ख गिन्हिज्जए भग्ग - पोअत्त-संसूअगं उब्भए fat furana पिउ-बंधु तहिं आगओ. कहइ रोअंत सा वित्तु जं दुत्तरं ३०
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प्रत्ता
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वीरदासु तद् - दुह- दुहिउ बब्बरि 11 गउ नम्मय - सहिउ ॥ ३१
[ ३
पूइउ 12 नमया ठावइ मंदिर वीर - पास दासी पेसेई
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भक्खीआ 5. पणीअं 6. पीअयमं 7. वीससीअं 11. बब्बरि 12. पूईउ
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