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संधिकाव्य-समुच्चय अह ढंकिहिं भुत्तउ' तडफडंत जंतेहिं निपीलिउ कडयांत रहि जुत्तउ तट्टा तडयडंत . वजानलि पक्कउ कढकढंत कत्थइ घण-मुगरि मारिओ सि खर-सिंबलि-सूली-विधिओ सि . कत्थइ निय-मंसं खाइओ सि अन्नस्थ य तउयं पाइओ सि १२ तह खडो खंडिवि खंड-खंड दिसिपालह बलि किउ तं जि भुंड इय क(कि) त्तय कहिज्जई निरय-दुक्ख जं जीव सहिय पई मुक्ख तिक्ख १४ वह-वाहण बंधण-तज्जणाई छुः- उन्ह-तिन्ह-डहणकणाई। आरंकुप्त-क(?कु)सलय-ताडणाई सहि याई जीव तिरिएसु ताई १६ मणुएसु वि दोहर रोग सोग 'दालिद पराभव "पिय-विमोग धणहरण मरण चारय-निरोह "पई सहिय परुषसि 1°विविह 11दोह १८
घत्ता परभव पेसत्तणि सुर-दासत्तणि देवत्तणि पत्तई सहिय ता जिणवर-धम्मु करहि सुरम्मु जिमि नवि पाविहिं दुक्ख 15 जिय ॥१९
धम्म न करेसि चिंतेसि सुह मुत्तिए 14चणय विक्केसि वंछेसि वर-मुत्तिए जं जि वाविज्जए 15 तं जि खलु लुज्जए' भुज्जए जं जि उग्गार तसु किज्जए २ पुव-कय-कम्म-दोसेण बाहो-गणो ता न धीरेण देयं 1 विसाए मणो सुणि सणंकुमर-चक्कवइ-अहियासिया वरिस-सय-सत्त 19वाहिय निन्नासिया४ सुव सिरि-वोरजिण-सहिय उवसग्गए कोस तुइ मूढ उम्मग्गि मणु लग्गए सुहह-चरिएण सुणिरण इह कायरो होइ खलु जेण सोंडीर-गुण-सायरो ६ सुद्ध-झाणेण लहु लद्ध-सिद्धालओ तह य सुमरिज्जए सुगयसुकुमालो जस्त सिरि जलिय-जलणेण चिर-रूढयं अट्ठ-घण-कम्म-कतारमवि दड्ढयं ८ झाणमट्ट च रुदं च ता वज्जए. जेण जोगेसु मण-सुद्धि सलहिज्जए
इत्थ पुंडरिय मरुदेवि भर हे सरो पसनचंदो य दिटुंत "सुमणोहरो १० 1. B भुग्गउ 2. A. वकुयं 3. B खंड वि 4. B तउं 5. B दुक्ख 6. B वह 7. B. दारिद्द 8. B. विप्पओय 9 B. तइं 10. A. विहिय 11. B दोस 12 A पावह 13. A हय 14. B चिणय 15, A वाहिज्जए 16. B लिज्जए 17. B देओ 18. B विरिस 19. B वाहिउ 20. B जोगेण 21. B सुमणोरहो
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