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________________ केसी-गोयम-संधि ८७ 'चंचल चित्त' तुरंगम जाणउ सोइ जु एकु दमी वसि माणउ रामि दमी मनु तिम वसि कीधउ जिम सीतेंद्रि उमागि न लीघउ' ६ 'साहु साहु गोयम तुह पन्ना एह भंति मह चित्तह छिन्ना अन्न वि एक अस्थि संदेह तं पि हु गोयम माझु कहेह' ८ पत्ता तो गोयम वुच्चइ 'जं तुह रुच्चइ तं पुच्छेह भदंत लहु' तं निसुणि महेसी पभणइ केसी विणय-धम्म पयडंत बहु ॥९ [१०] दोसहि माग अणेग अतुल्ला जेहिं जीव "भवि भमडइं 'भुल्ला नय निय मागु भल उ सवि बोलहिं गोयम किम तुहु तेहिं न डोउहि २ 'माग-कुमाग संवे10 हजाणउं 11मेल्हि कुमाग सुमाग वखाण 'मागु किस' केसी इम जंपइ तं सुणि गोयम एम पयंपइ ४ 'मागु सु जो जिणवरिहिं कहीजइ अवर कुमागु न तेहिं गमीजइ 1"सुलसाइ मनु मागि जु15 लाग अंबङ-वयणि सु14किमइ न भागउ'६ 'साहु साहु गोयम तुह पन्ना एह भंति मह चित्तह छिन्ना अन्न वि एक अस्थि संदेहू तं पि हु गोयम माझु कहेहू' ८ पत्ता तो गोयमु वुच्चइ 'जं तुहु रुच्चइ तं पुच्छेह भदंत लहु' तं निसुणि महेसी पभणइ केसी विणय-धम्म पयांत बहु ॥९ [११] 'जे नर नारिहि नीरि निम नहिं लोभ-वेलि कल्लोलि हणिज्जहिं तीह जु होइ सरण गइ ताणू गोयम कोइ अछइ सो ठाणूं' २ 'अंतर-दीवु पवरु छइ एगो 15जित्थु न पहवइ सो जल-वेगो' केसि कहइ 'जलदीव ति कईसा' गोयम पभणइ10 पयड ति अइसा ४ 'भव-सायर-जल पातक-कम्मू अंतर-दीव-सरीखउ धम्मू 1 दिढपहारि कि उ पाप पयंडू धम्म-पभावि 1 कियउ सय-खंडू' ६ 1. A. चित्ति 2.A आण्यउ 3. B दमी जिम शिव वसि 4 B. तिम सीतिदिअ 5. B. जेह 6. B भव भमडिहिं 7. A भूला 8. A बोलइ9. A डोलह 10 Bह 11. B. मेल्लि 12. A सुलसाहइ 13 B ज 14 B तु 15. B जत्थ 16. B पयंड ति जइसा 17. B दड. 18 B. थयउ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002656
Book TitleSamdhikavya Samucchaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorR M Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1980
Total Pages162
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size7 MB
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