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________________ विषयसूची ग्रंथ-प्रस्तावना : १. मोक्षसाधनरूप से धर्म की उपादेयता २. भूतचैतन्यवादखंडन ३. मैं - विषयक प्रत्यक्ष अनुभव से आत्मा की सिद्धि ४. आत्मा तथा कर्म के संबंध में मतमतान्तर ५. भूतचैतन्यवादखंडन का उपसंहार १. ईश्वरवादखंडन २. प्रकृतिपुरुषवाद - खंडन पहला स्तबक दूसरा स्तबक १. पुण्य, पाप तथा मोक्ष से संबंधित कुछ प्रश्न २. कालवाद, स्वभाववाद, नियतिवाद, कर्मवाद, कालादिसामग्रीवाद तीसरा स्तबक Jain Education International चौथा स्तबक १. क्षणिकवादखंडन की प्रस्तावना २. 'भाव अभाव बन जाता है' इस मत का खंडन ३. 'अभाव भाव बन जाता है' इस मत का खंडन ४. क्षणिकवाद में सामग्रीकारणतावाद की अनुपपत्ति ५. क्षणिकवाद में वास्य - वासकभाव की अनुपपत्ति ६. क्षणिकवाद में कार्य-कारणज्ञान की अनुपपत्ति ७. बुद्धवचनों की सहायता से क्षणिकवाद का खंडन For Private & Personal Use Only ११- ३० 288 28 २४ २६ ३३ ३४ ४७ ५६ ६१ ६९ ७३ ८३ ९२ ९९ १०१ ११२ www.jainelibrary.org
SR No.002647
Book TitleSastravartasamucchaya
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorK K Dixit
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year2002
Total Pages266
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size9 MB
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