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अन्नाय-कइ-विरइयं सुदंसणा चरियं
दुल्लह-मणुयत्त-सामग्गी-कहा-संबधो नाम-पढमो उद्देशो
(। ब)--------म-------- य कमलं ।
-- ।।१।।
-------पण
-तव-जत
पणकम्म
...
।
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--त्थि अज वि---व दाण सा(भा ?)विय-मणेहिं । भविएहिं भमस (?)--------- ---------- ||२||
---......- हि चा (ता ?) रण-तरंड-तुल्लाणं । सुर-महियं पायकमलं बावीस-जिणं (जिणाणं ?) वंदे ।।३।। ----------पणमह निम्मल-तव-जलण-जलिय-घणकम्म... ।
--- ।।४।। -----------ल निग्गया वाणी । ससि-किरण-कंति-धवला सा जयउ सरस्सइ(ई) देवी ।।५।। (२अ) वइरोट्टा विसहर-विस-पणासणी विसहरेहिं परियरिया । धरणोरगिंद-पत्ती उवसग्ग-खयंकरी जयउ ।।६।। सारय-ससि व्व कित्ती णहंगणे जीए सुव्वइ सुरेहिं । जीए चरियं एवं सा जयउ सुदरिसणा देवी ।।७।।
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