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७६.
मुत्तावलि (मुक्तावलितप)-१३८५. मुत्तिसुह (मुक्ति-सुख)-८७. वेयावच्च (वैयावृत्य )-१९. मोक्ख/मुक्ख (मोक्ष)-६६, ६७४, संका (शंका) -३३, १५५६.
१२४५, १२४६. संजम (संयम) ११८८. मोहणियकम्म (मोहनीय कर्म)-४९१, संवर (संवर)-४३४, ६९१. १४०२.
संवेगकरीकहा-७६. रयणावलि (रत्नावलि तप)-१३८४
सक्कत्थव (शक्रस्तव)-७०७. रयणिभोयण (रजनी भोजन)-६८२.
सचित्त (सचित्त)-७०५. रागदोस (राग-द्वेष)-१२४५, १५६१.
सज्झाय (स्वाध्याय)-४२९, ७१२. रोहिणि (रोहिणितप)-१३८३.
सत्तच्छित्त (सप्त क्षेत्र)-१२००. रोद्द/रुद्दज्झाण (रोद्र-ध्यान)-४६, सत्तरसविह संजम (ससदसविध १२४३.
__ संयम)-४२७, ग-१२. लहुकम्म (लघु-कर्म)-८०.
सयमेव बुद्ध सिद्ध (स्वयमेव बुद्धसिद्ध)लेस्या (लेश्या)- ग. १२
६८६ लोयालोय (लोकालोक)-१२१९
सलिंग सिद्ध (स्वलिंग सिद्ध)-६८६. वणसइकाय (वनस्पतिकाय)-६३७, सव्वंग सुंदर (सर्वांगसुंदर तप)-१३७८. ६८४.
सव्वओभद्द (सर्वतोभद्र तप ) १३८४. वय (व्रत)-१४५१.
सव्वण्णु (सर्वज्ञ)-३३४. वसुदेव (वसुदेव)-९९८.
सामाइय (सामायिक)-६९०, १४२२. विजिगिच्छा (विचिकित्सा)-१५५६
सावज्जजोग (सावद्य-योग)-१११८. विमलनाण (विमल-ज्ञान)-९७२,
सावय धम्म (श्रावक धर्म)-७२१. १२१९
सासयसुहासोक्ख (शाश्वत सुख) - वियाल (विकाल) -७११
६६८, १३७५, ग-१२, विरइ (विरति)-४९०, ५९२.
१५६१. वीयराय (वीतराग)-४१.
साहु (साधु)-१४१३ वेक्खेवकरी कहा (विक्षेपणी कथा)- साहम्मियवाच्छल (साधार्मिक
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